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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा पहली ही परीक्षा में फेल

सत्य खबर, नई दिल्ली।

राजस्थान में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा अपनी पहली ही परीक्षा में फेल हो गए हैं. करणपुर विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम घोषित हो गया है. यहां कांग्रेस को जीत मिली है वहीं बीजेपी सरकार में मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह को हार का सामना करना पड़ा है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कूनर की मौत के चलते चुनाव स्थगित कर दिए गए थे. इस सीट से बीजेपी ने सुरेंद्र पाल सिंह को उम्मीदवार बनाया. इससे पहले बीजेपी सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया. वहीं कांग्रेस ने गुरमीत सिंह कूनर के बेटे रूपिंदर सिंह कूनर को ही उम्मीदवार बनाया था.

इस सीट पर शुक्रवार को मतदान हुआ था, जिसमें 81.38 प्रतिशत मतदान हुआ.कांग्रेस ने सुरेंद्र पाल सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की आलोचना करते हुए इसे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन बताया था. नियमों के मुताबिक, मंत्री बनने के बाद से सुरेंद्र पाल सिंह के पास विधायक चुने जाने के लिए छह महीने का समय है. 15 दिसंबर को बीजेपी के भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नवनिर्वाचित विधायक दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है.

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कांग्रेस गदगद

नतीजे पर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा है कि उपचुनाव की जीत बताती है कि विधानसभा में हार के बावजूद हमारी ताकत कम नहीं हुई है. इसका फायदा हमें लोकसभा चुनाव में मिलेगा. वहीं राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटारस ने कहा कि भाजपा की नई पर्ची सरकार इधर कांग्रेस की योजनाओं के नाम बदलती रही, उधर जनता ने इनका मंत्री ही बदल दिया.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि करणपुर उपचुनाव के बीच भाजपा ने सत्ता के अहंकार में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता का मजाक बना दिया था. करणपुर की जनता ने भाजपा के घमंड को तोड़ दिया है. वहां से कांग्रेस प्रत्याशी रुपिन्दर सिंह कुन्नर की जीत हुई है.भाजपा के अहंकारी नेताओं को यह समझना होगा कि वे भले ही किसी को ‘मंत्री’ बना दें लेकिन ‘जनप्रतिनिधि’ तो जनता ही बनाती है. भाजपा के प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह 2003 और 2013 में यहां से विधायक रहे हैं. वहीं गुरमीत सिंह 1998, 2008 और 2018 में विधायक रहे.

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